Uttrakhand me Hamare Sansadhan Hamara Rojgar Paperback
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इस पुस्तक में उन संसाधनों का उल्लेख किया गया है जिनके आधार पर असीमित रोजगार प्राप्त किया जा सकता है। प्रकृति प्रदत्त यह संसाधन मध्य हिमालयी क्षेत्र में बहुतायत में पाए जाते हैं। जड़ी बूटियों से लेकर यहां सौर्न्य और ऊंचे पर्वतीय क्षेत्र में लंबे चौड़े बुग्या जो प्रदूषण रहित हैं ऐसे वातावरण में कई रोजगार के साथ विकसित किए जा सकते हैं । इन सभी संसाधनों और उन पर उत्पन्न होने वाले रोजगार के संबंध् में जानकारी इस पुस्तक में संकलित की गई है। जो अपने ही क्षेत्र में रोजगार चाहने वालों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। प्रस्तुत ग्रंथ में जिन संसाधनों और उनसे मिलने वाले रोजगार का वर्णन किया गया है वह इस प्रकार है। पुस्तक में सबसे पहले उत्तराखण्ड प्रदेश की विकास की अवधारणाः मैदानी व पहाड़ी परिपेक्ष में अंतर को लिया गया है और फिर हमारे संसाधन व योजनाएं, संसाधन और रोजगार, कैसी हो शिक्षा व्यवस्था, कृषि आधरित रोजगार, मंडुआ, गैथ कुलथी, पहाड़ी लाल चावल, अदरक की खेती, हल्दी की खेती, मिर्च की खेती, वनस्पति आधारित रोजगार में चीड़, किनगोड़, दारूहल्दीद्, नींबू घास लेमन ग्रास, सफेद मूसली, जेट्रोफा की खेती, कौंच बीज, कीड़ा जड़ी, बागवानी फलोत्पादन, बिच्छू घास/कंडाली/सिसौंण, भूरि छरैला या छुलरू, टिमरू, अखरोट, आंवला की खेती, मशरूम की खेती, ग्राम पर्यटन आधारित रोजगार में क्षेत्र पंचायत सामुदायिक योजना, पर्यटन आधारित रोजगार में पर्यटन परिपथ रोजगार योजना, औद्योगिक सहायक इकाई आधारित रोजगार, पशुपालन आधारित योजनाएं, साहसिक पर्यटन, रोजगार का आधारः ग्रामीण हाट का वर्णन विस्तार से दिया गया है। यह पुस्तक नवनिर्मित प्रदेश उत्तराखण्ड के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। प्रस्तुत पुस्तक की भूमिका उत्तराखण्ड के सुप्रसिद्ध उद्योगपति श्री जी.एस. रावत द्वारा लिखी गई है।